श्री हनुमान स्तुति

प्रनवउ पवनकुमार खल बल पावक ग्यानधन जासु ह्रदय आगार बसही राम शर चाप धर ||

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Last updated on : Sun, 26-Mar-2023 Hindi-gujarati

प्रनवउ पवनकुमार खल बल पावक ग्यानधन

जासु ह्रदय आगार बसही राम शर चाप धर ||

अतुलित बलधामम हेम शैलाभदेहम

दनुज वन कृशानुम ज्ञानिनामग्रगण्याम

सकल गुणनिधामम वानराणामधीशं

रघुपति प्रियभक्तं वातजातम नमामि ||

गोष्पदीकृतवारीशम मशकीकृतराक्षसम

रामायणं महामालारत्नं वंदेहं निलात्मजम |

अंजनानंदनम वीरम जानकीशोकनाशणम

कपीशमक्षहंतारं वंदे लंकाभयंकरम ||

उल्लंघ्यम सिन्धो: सलिलम सलिलम

यः शोकवाहिनम जनकात्मजाया |

आदाय तनैव ददाह लंका

नमामि तम प्रांजलि रान्जनेयं ||

मनोजवम मारुततुल्यवेगम

जितेन्द्रियं बुद्धिमताम वरिष्ठम

वात्मजम वानरयूथमुख्यम

श्रीरामदूतम शरणम प्रप्धये |

आन्जनेयमती पाटलालनम

कान्चानाद्रिकमनीयविग्रहम |

पारिजाततरुमूलवासिनम

भावयामि पावमाननंदनम ||

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनम

तत्र तत्र कृतमस्तकान्जलिम

वाश्पवारीपरीपूर्णलोचानाम’

मारुतिम नमत राक्षसांतकम